नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को सांप से किस तरह बचाया? इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

जब नीलकंठ ने खरगोश की चीख सुनी तो वह जल्दी से सांप के पास आया। नीलकंठ सांप के फन को पंजों से दबाकर चोंच से प्रहार करने लगा। सांप की पकड़ ढीली होते ही खरगोश शावक बाहर आ गया।

इस घटना से नीलकंठ के स्वभाव की निम्न विशेषताओं का पता चालता है-


(1) नीलकंठ स्वभाव से बहुत दयालु था। जब उसने देखा कि सांप खरगोश के आधे शरीर को मुंह में दबाए हुए है तो उसे बहुत तकलीफ हुई। तब उसने खरगोश को बचाया और सांप के टुकड़े कर डाले।


(2) वह सभी पक्षियों के साथ मिलजुकर रहना पसंद करता था।


(3) वह सभी जीव-जंतुओं को सुरक्षित रखना चाहता था। इसी वजह से वह उन्हें संरक्षण भी देता था।


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